घोटिया में नहीं मिल रहा 70 जरूरतमंदों को पेंशन योजनाओं का लाभ, सरपंच ने लगाई गुहार
जगदलपुर: स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, बाल गंगाधर तिलक जी ने ये बहुप्रसिद्ध नारा दिया था। लेकिन आज के परिदृश्य में तिलक जी ने जिस स्वराज का सपना देखा था, उस सपने से वर्तमान "राज" कोसों दूर दिखाई देता है। बता दें ग्राम पंचायत घोटिया में सरपंच डमरूधर कश्यप द्वारा ग्राम पंचायत के लगभग 70 बुज़ुर्ग, निराश्रित महिला - पुरुषों की लिस्ट तैयार कर इन्हें वृद्ध और निराश्रित पेंशन योजना के अंतर्गत लाभ दिलवाने के लिए उनकी जानकारी जमा किया गई थी। लेकिन जनपद पंचायत बस्तर द्वारा उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। इससे क्षुब्ध सरपंच ने उन सभी जरूरतमंदों को उनका अधिकार दिलाने के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके जानकारी दी कि पंचायती राज मे ग्रामीणों को जो सुविधा मिलनी चाहिए वो उन्हें नहीं मिल पा रही है। और इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात करने की कोशिश भी की गई, लेकिन आज तक कोई संतोषप्रद समाधान भी नहीं बताई गई।
उन सभी लोगों को योजना में लाभ नहीं मिलने के पीछे पिछली जनगणना में इनमे से अधिकतर लोगों का नाम नहीं होने और कुछ ग्रामीणों के आधार कार्ड और अन्य परिचय पत्रों में गलत उम्र दिया जाना बताया गया है। ये सभी आज की तारीख में निराश्रित हैं।
अब सवाल ये उठता है कि अगर पिछली जनगणना में इनका नाम नहीं है या इनके आधार कार्ड में गलत उम्र डाल दी गई है, तो इसमें उन अशिक्षित ग्रामीणों का क्या दोष है। शासकीय कर्मचारियों की गैरजिम्मेदारी और अधिकारियों की अनदेखी का खामियाजा इन लोगों को चुकाना पड़ रहा है।
The अख़बार
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